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Kheti News: इस फसल की खेती से किसानों को मिल सकता है धान से भी ज्यादा मुनाफा, MSP में भारी बढ़ोतरी

खरीफ सीजन में अगर किसान पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया आज़माने का सोच रहे हैं, तो रागी की खेती उनके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है। केंद्र सरकार (Modi Govt) मोटे अनाज (millets) को बढ़ावा...

नई दिल्ली: खरीफ सीजन में अगर किसान पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया आज़माने का सोच रहे हैं, तो रागी की खेती उनके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है। केंद्र सरकार (Modi Govt) मोटे अनाज (millets) को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है और रागी इसमें एक प्रमुख फसल बनकर उभरी है।

कम लागत और बेहतर रिटर्न वाली इस फसल की खास बात ये है कि रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अब धान के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा तय किया गया है। हाल ही में घोषित MSP रेट्स के मुताबिक, जहां धान का भाव ₹2,369 प्रति क्विंटल है, वहीं रागी का रेट ₹4,886 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। यानी किसान अगर रागी की खेती को अपनाते हैं, तो उन्हें कम खर्च में ज्यादा मुनाफा मिल सकता है।

क्यों है रागी एक बेहतर विकल्प?

रागी को ‘सुपर फूड’ (superfood) भी कहा जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फाइबर और मेथिओनीन नामक अमीनो एसिड पाया जाता है, जो शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन का हिस्सा है। 100 ग्राम रागी लगभग 340 कैलोरी तक एनर्जी देती है, जिससे यह खासकर सर्दियों में सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है।

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देश के अलग-अलग हिस्सों में इसकी कई उन्नत किस्में जैसे VL 101, VL 204, VL 124, VL 149, VL 146, VL 315 (105-115 दिन में तैयार) और VL 324 (105-135 दिन में तैयार) काफी लोकप्रिय हैं।

सिंचाई से लेकर मुनाफे तक – हर मोर्चे पर असरदार

रागी की खेती सिंचित और असिंचित दोनों ही क्षेत्रों में की जा सकती है। ये फसल सूखे के हालात में भी अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है, और पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से उगाई जा सकती है। 4.5 से 8 तक के pH स्तर वाली मिट्टी को रागी के लिए उपयुक्त माना गया है।

धान की खेती के मुकाबले, रागी में ना तो ज्यादा पानी लगता है, ना ही महंगे खाद और कीटनाशक। यही वजह है कि इसकी लागत भी कम बैठती है। अगर समय पर बुआई की जाए, तो प्रति हेक्टेयर 25 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है।

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MSP में तगड़ी बढ़ोतरी से फायदेमंद सौदा

सरकार ने खरीफ सीजन 2025-26 के लिए MSP रेट्स में बदलाव करते हुए रागी की कीमत में ₹596 प्रति क्विंटल का इज़ाफा किया है। दूसरी ओर धान की MSP सिर्फ ₹69 प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है। यानी रागी की बढ़ी हुई कीमत किसानों को एक मजबूत विकल्प देती है, जिससे वे कम संसाधनों में भी ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

खेती के बदलते ट्रेंड और बढ़ती डिमांड को देखते हुए रागी न सिर्फ सेहत के लिहाज़ से अहम है, बल्कि किसानों के लिए यह एक प्रैक्टिकल और प्रॉफिटेबल (profitable farming) विकल्प भी बनता जा रहा है।

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